नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन(nuclear fission and nuclear fusion in hindi)
नाभिकीय विखंडन क्या है (Nuclear Fission in hindi) :
इस प्रक्रिया में एक भारी नाभिक दो हल्के नाभिक़ो में विभक्त हो जाता है तथा बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है इस ऊर्जा का उपयोग परमाणु बम ,नाभिकीय रिएक्टर और परमाणु भट्टी में किया जाता है |
Nuclear fission image |
नाभिकीय विखंडन मैं श्रृंखला अभिक्रिया(chain reaction in nuclear fission):
जब यूरेनियम पर मंदगामी न्यूट्रॉन की बमबारी की जाती है तो बेरियम और क्रिप्टॉन बनते हैं तथा तीन नए न्यूट्रॉन उत्पन्न होते हैं | यह तीन नये न्यूट्रॉन अन्य तीन यूरेनियम के नाभिकों का विखंडन करते हैं | इस प्रकार यह प्रक्रिया चलती रहती है इस प्रक्रिया को श्रृंखला अभिक्रिया कहते हैं | श्रृंखला अभिक्रिया दो प्रकार की होती है-
1. नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया ( controlled chain reaction)2. अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया
(uncontrolled chain reaction)
श्रृंखला अभिक्रिया को नियंत्रित करके इस ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक कार्यों के लिए किया जा सकता है नाभिकीय रिएक्टर में इसी नियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया का उपयोग किया जाता है|
(uncontrolled chain reaction)
नाभिकीय विखंडन की श्रृंखला अभिक्रिया में प्रत्येक विखंडन से जो तीन नये न्यूट्रॉन उत्पन्न होते हैं वे तीन नए नाभिकों का विखंडन करते हैं जिससे विखंडनो की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती है इस प्रकार यह अभिक्रिया अत्यंत तीव्र गति से होती है | बहुत कम समय में ही संपूर्ण पदार्थ का विखंडन हो जाता है| इससे बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है और भयानक विस्फोट का रूप ग्रहण कर लेती है | परमाणु बम में इसी अनियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया का उपयोग किया जाता है|
Uncontrolled chain reaction image |
नाभिकीय विखंडन के उपयोग(nabhikiya vikhandan ka upyog) :
1. नाभिकीय रिएक्टर एवं परमाणु बम में नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया का उपयोग किया जाता है|
2. नाभिकीय विखंडन द्वारा रेडियोएक्टिव आइसोटोप तैयार किये जाते हैं जिनका उपयोग चिकित्सा, कृषि एवं वैज्ञानिक शोध कार्यों में होता है|
3. नाभिकीय विखंडन में विमुक्त ऊर्जा का उपयोग बड़ी-बड़ी मशीनों, रेलगाड़ियों, मोटर गाड़ियों इत्यादि चलाने में किया जा सकता है|
नाभिकीय संलयन क्या है (nuclear fusion in hindi):
इस प्रक्रिया में दो हल्के नाभिक संयुक्त होकर एक भारी नाभिक बनाते हैं | बनने वाले नए नाभिक का द्रव्यमान दो भाग लेने वाले नाभिको के द्रव्यमानों के योग से कम होता है | द्रव्यमान की क्षति आइंस्टीन के द्रव्यमान- ऊर्जा संबंध के अनुसार ऊर्जा के रूप में परिवर्तित हो जाती है | अतः इस प्रक्रिया में अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते हैं |
हाइड्रोजन बम में नाभिकीय संलयन अभिक्रिया का प्रयोग किया जाता है| सूर्य तथा तारों में ऊर्जा का स्त्रोत भी नाभिकीय संलयन अभिक्रिया ही है|
नाभिकीय विखंडन एवं नाभिकीय संलयन में अंतर(nabhikiya vikhandan aur nabhikiy sanlayan mein antar):
प्रश्न – नाभिकीय विखंडन के लिए केवल न्यूट्रॉन ही क्यों उपयुक्त होता है?
> स्थिर वैद्युत(electrostatics) objective type question
> धारा विद्युत(current electricity) objective
> गतिमान आवेश और चुंबकत्व objective
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