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सोमवार, 20 अप्रैल 2020

नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन | Nuclear fission And Nuclear fusion

नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन(nuclear fission and nuclear fusion in hindi) 

आज की इस पोस्ट में हम physics के महत्वपूर्ण टॉपिक  नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया और नाभिकीय संलयन अभिक्रिया(nabhikiy vikhandan aur nabhikiy sanlayan abhikriya) के बारे में पढ़ने वाले हैं| यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करें और पोस्ट को शेयर करें|

नाभिकीय विखंडन क्या है (Nuclear Fission in hindi) :

इस प्रक्रिया में एक भारी नाभिक दो हल्के नाभिक़ो में विभक्त हो जाता है तथा बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है इस ऊर्जा का उपयोग परमाणु बम ,नाभिकीय रिएक्टर और परमाणु भट्टी में किया जाता है |

नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन | Nuclear fission And Nuclear fusion
Nuclear fission image

नाभिकीय विखंडन मैं श्रृंखला अभिक्रिया(chain reaction in nuclear fission):

जब यूरेनियम पर मंदगामी न्यूट्रॉन की बमबारी की जाती है  तो बेरियम और क्रिप्टॉन बनते हैं तथा तीन नए न्यूट्रॉन उत्पन्न होते हैं | यह तीन नये न्यूट्रॉन अन्य तीन यूरेनियम के नाभिकों का विखंडन करते हैं | इस प्रकार यह प्रक्रिया चलती रहती है  इस प्रक्रिया को श्रृंखला अभिक्रिया कहते हैं | श्रृंखला अभिक्रिया दो प्रकार की होती है-

1. नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया ( controlled chain reaction) 
2. अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया
(uncontrolled chain reaction) 

नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया ( controlled chain reaction)
श्रृंखला अभिक्रिया में अत्यधिक संख्या में न्यूट्रॉन उत्पन्न होते हैं|न्यूट्रॉन अवशोषक पदार्थ जैसे कैडमियम या बोरॉन के उपयोग द्वारा न्यूट्रॉन उत्पन्न होने की दर को नियंत्रित करके श्रृंखला अभिक्रिया को नियंत्रित किया जा सकता है | इसे नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया कहते हैं|

 श्रृंखला अभिक्रिया को नियंत्रित करके इस ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक कार्यों के लिए किया जा सकता है नाभिकीय रिएक्टर में इसी नियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया का उपयोग किया जाता है|

अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया
(uncontrolled chain reaction) 

 नाभिकीय विखंडन की श्रृंखला अभिक्रिया में   प्रत्येक विखंडन से जो तीन नये न्यूट्रॉन उत्पन्न होते हैं वे तीन नए नाभिकों का विखंडन करते हैं जिससे विखंडनो की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती है इस प्रकार यह अभिक्रिया अत्यंत तीव्र गति से होती है | बहुत कम समय में ही संपूर्ण पदार्थ का विखंडन हो जाता है| इससे बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है और भयानक विस्फोट का रूप ग्रहण कर लेती है | परमाणु बम में इसी अनियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया का उपयोग किया जाता है|

नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन | Nuclear fission And Nuclear fusion
Uncontrolled chain reaction image

नाभिकीय विखंडन के उपयोग(nabhikiya vikhandan ka upyog) :

1. नाभिकीय रिएक्टर एवं परमाणु बम में नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया का उपयोग किया जाता है|

2. नाभिकीय विखंडन द्वारा रेडियोएक्टिव आइसोटोप तैयार किये जाते हैं जिनका उपयोग चिकित्सा, कृषि एवं वैज्ञानिक शोध कार्यों में होता है|

3. नाभिकीय विखंडन में विमुक्त ऊर्जा का उपयोग बड़ी-बड़ी मशीनों, रेलगाड़ियों, मोटर गाड़ियों इत्यादि चलाने में किया जा सकता है|

नाभिकीय संलयन क्या है (nuclear fusion in hindi):

इस प्रक्रिया में दो हल्के नाभिक संयुक्त होकर एक भारी नाभिक बनाते हैं | बनने वाले नए नाभिक का द्रव्यमान दो भाग लेने वाले नाभिको के द्रव्यमानों के योग से कम होता है  | द्रव्यमान की क्षति आइंस्टीन के द्रव्यमान- ऊर्जा  संबंध के अनुसार ऊर्जा के रूप में परिवर्तित हो जाती है | अतः इस प्रक्रिया में अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते हैं | 
हाइड्रोजन बम में नाभिकीय संलयन अभिक्रिया का प्रयोग किया जाता है| सूर्य तथा तारों में ऊर्जा का स्त्रोत भी नाभिकीय संलयन अभिक्रिया ही है|

नाभिकीय विखंडन एवं नाभिकीय संलयन में अंतर(nabhikiya vikhandan aur nabhikiy sanlayan mein antar):

नाभिकीय विखंडन(nuclear fission)
1. इस प्रक्रिया में एक भारी नाभिक लगभग समान द्रव्यमान के दो हल्के नाभिको में विभक्त हो जाता है|
2. प्रति विखंडन विमुक्त ऊर्जा अधिक होती है|
3. यह प्रक्रिया सामान्य ताप पर संभव है|
4. विखंडन योग्य पदार्थ सीमित मात्रा में उपलब्ध होते हैं|
5. विखंडन योग्य पदार्थ रेडियोएक्टिव होते हैं|

 नाभिकीय संलयन(nuclear fusion) -
1. इस प्रक्रिया में दो हल्के नाभिक संयुक्त होकर एक भारी नाभिक बनाते हैं|
2. प्रति संलयन विमुक्त ऊर्जा कम होती है|
3. यह प्रक्रिया अत्यधिक ताप पर ही संभव है|
4. संलयन योग्य पदार्थ अधिक मात्रा में उपलब्ध होते हैं|
5. संलयन योग्य पदार्थ रेडियोएक्टिव नहीं होते हैं|

प्रश्न – नाभिकीय विखंडन के लिए केवल न्यूट्रॉन ही क्यों उपयुक्त होता है? 
उत्तर- न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है|  इसलिए न्यूट्रॉन नाभिक के धन आवेश से विक्षेपित नहीं होता है और नाभिक में सफलतापूर्वक प्रवेश कर सकता है|

प्रश्न- नाभिकीय संलयन अभी तक पृथ्वी पर एक प्रायोगिक तथा नियंत्रित ऊर्जा स्त्रोत के रूप में क्यों प्रयुक्त नहीं हुआ है? 
उत्तर- नाभिकीय संलयन की अभिक्रिया बहुत उच्च ताप पर संभव होती है और बहुत अधिक ताप पर होने के कारण इनका नियंत्रण भी संभव नहीं है| इसीलिए नाभिकीय संलयन अभी तक पृथ्वी पर एक प्रायोगिक तथा नियंत्रित ऊर्जा स्त्रोत के रूप में प्रयुक्त नहीं हुआ है|

प्रश्न- तारों या सूर्य में ऊर्जा का स्त्रोत क्या है? 
उत्तर-  नाभिकीय संलयन अभिक्रिया|

प्रश्न- परमाणु बम कौन सी अभिक्रिया पर आधारित है? 
उत्तर- परमाणु बम नाभिकीय विखंडन की अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया पर आधारित है|

प्रश्न- हाइड्रोजन बम कौन सी अभिक्रिया पर आधारित है? 
उत्तर- हाइड्रोजन बम नाभिकीय संलयन अभिक्रिया पर आधारित है|
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